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सेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार 57 हजार सैन्य अधिकारियों, जेसीओ एवं अन्य कर्मियों को फिर से तैनाती देने जा रही है। सैन्य सुधार पर गठित शेकातकर समिति की सिफारिश को मानते हुए यह फैसला किया गया है। युद्धक क्षमता बढ़ाने के अलावा समिति को रक्षा खर्च में संतुलन कायम करने के लिए भी सुझाव देना था। इसके लिए समिति ने संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की अनुशंसा की है। इन सिफारिशों पर 31 दिसंबर, 2019 से अमल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि आजादी के बाद यह पहला मौका है जब सेना में अत्यंत दूरगामी प्रभाव वाली बड़ी सुधार प्रक्रिया शुरू की गई है। जब उनसे यह पूछा गया कि कहीं यह कदम दोकलम विवाद के मद्देनजर तो नहीं उठाया गया है, रक्षा मंत्री ने कहा कि सुधार की प्रक्रिया किसी घटना विशेष के कारण नहीं शुरू की गई है।
डोकलाम के पहले से ही इसकी तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को ही समिति की सिफारिशों को मंजूर कर लिया था। बुधवार को इसके बारे में केंद्रीय मंत्रिमंडल को जानकारी दी गई।