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सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटलीकरण की दिशा में कदम बढ़ा दिया। सोमवार को पेपरलेस कामकाज के पहले दिन प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने वकीलों से कहा कि कागजी दस्तावेज के बिना काम करना आसान है। हालांकि पहले दिन जजों को डिजिटल माध्यम से काम करने में थोड़ी असुविधा हुई और उन्हें कागजी फाइलों का सहारा लेना पड़ा।
न्यायमूर्ति खेहर ने एक मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों से कहा, ‘हम सीख रहे हैं और आप लोग भी सीख रहे हैं, लेकिन कागजी दस्तावेज के बिना काम करना आसान है।’ उन्होंने वकीलों से कहा कि यह आपके लिए अच्छा है, क्योंकि हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम रिलैक्स हैं, क्योंकि हमारे पास फाइलों का अंबार नहीं है। पहले दिन असुविधा को देखते हुए सहयोग के लिए आईटी के जानकार मौजूद थे। इसके बावजूद अधिकतर जजों ने कागजी फाइलों के जरिये सुनवाई की।