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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अलवर और पानीपत गलियारों में दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के लिए धन देने में विफल रहने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में अगर 415 करोड़ रुपए नहीं सौंपे गए तो दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट पर रोक लगाकर फंडिंग दे दी जाएगी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिल्ली सरकार के विज्ञापन के लिए आवंटित धन के हस्तांतरण का आदेश दे दिया था, लेकिन बाद में इस पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी गई।
मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। पीठ ने कहा कि अगर राशि नहीं दी गई तो हम दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट पर रोक लगाकर इसे अटैच कर लेंगे। प्रदूषण रोकने के लिए परियोजना जरूरी है। पिछले तीन साल का दिल्ली सरकार का विज्ञापन बजट 1100 करोड़ रुपए था, जबकि इस साल का 550 करोड़ रुपए है। अगर दिल्ली सरकार तीन साल में विज्ञापन के लिए 1100 करोड़ रुपए आवंटित कर सकती है तो बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए फंड भी दे सकती है।