(DJ)
चुनावी आहटों के बीच राजनीतिक दल किसी भी मुद्दे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। एक दिन पहले इराक में चार साल पहले मारे गए भारतीयों को लेकर संसद में आरोप-प्रत्यारोप चरम पर था। अब राजनीतिक रूप से संवेदनशील एससी एसटी का मुद्दा सामने आ गया है। एस एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विपक्ष बाहें चढ़ा रहा है, तो भाजपा थोड़ी सतर्क है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी वकील ने सही तरीके से पैरवी नहीं की और अब गरीब दलित व पिछड़ों का अत्याचार बढ़ेगा। सरकार ने राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार फैसले का अध्ययन करने के बाद ही कुछ करेगी।
2019 बहुत दूर नहीं है और उससे पहले कई अहम राज्यों में चुनाव है। जातियों पर सिमटते जा रहे चुनावों के मद्देनजर अनुसूचित जाति और जनजाति राजनीतिक दलों के लिए अहम मुद्दा है। ऐसे में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ हथियार बना लिया, जिसमें कहा गया है कि एससी एसटी एक्ट के तहत भी तत्काल कार्रवाई नहीं होगी। फैसले में इसे आधार माना गया था कि अधिकतर मामले फर्जी होते हैं और एक्ट का सहारा लेकर फंसाया जाता है। कांग्रेस ने तत्काल इसे लपक लिया। कांग्रेस ने अहमद पटेल, कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे दिग्गज नेताओं को उतार दिया।