(A.U)
किसान शनिवार को रवाना होंगे। शुक्रवार को भी सिंघू बॉर्डर पर बहुत सारे किसान संगठन ट्रैक्टरों में सामान लादकर रवाना हो गए। बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों की आवाजाही से ट्रैफिक जाम भी हुआ।
बंधी गठरियां, सिमटा तिरपाल, उखड़े पड़े बंबू व सड़क किनारे एक के ऊपर एक कुर्सियों के खड़े गट्ठर और लाउडस्पीकर पर बजते पंजाबी गानों के साथ शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर का नजारा किसी खत्म हुए मेले जैसा था। सरकार के आश्वासन और संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन उठाने के एलान के बाद 379 वें दिन दिल्ली की सीमाओं से किसानों की वापसी का दौर शुरू हो गया। बाकी बचे हुए किसान आज गाजे बाजे के साथ अपनी जीत का जश्न मनाते हुए विजय रैलियां निकालेंगे और अपने घरों की ओर निकल जाएंगे।
जश्न में शामिल होने के लिए पंजाब और हरियाणा से करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान कुंडली पहुंचे हैं। सुबह सबसे पहले किसान अरदास करेंगे। इसके बाद करीब दो घंटे तक लंगर चलाया जाएगा। लंगर के तुरंत बाद जुलूस के रूप में किसानों के जत्थे रवाना होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने वीरवार को सरकार के साथ सहमति बनने के बाद आंदोलन स्थगित करने की घोषणा कर दी थी और शनिवार से वापसी का एलान किया था। बॉर्डर पर बचे किसानों ने सामान की पैकिंग का काम पूरा कर लिया है और वह रवाना होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। शनिवार सुबह के समय किसानों का प्रस्थान शुरू हो जाएगा, लेकिन इससे पहले अरदास व लंगर का आयोजन होगा। जीटी रोड पर जाम की आशंका को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया है।