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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश भर में लोगों की समस्याएं सुनने के लिए सरकार की ओर से आयोजित किए जाने वाले जनमंच कार्यक्रमों के लिए नए निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि जनमंच के मंच से मंत्री अब पंद्रह मिनट से ज्यादा भाषण नहीं देंगे। कोई घोषणा भी नहीं करेंगे।
रविवार को मुख्यमंत्री ने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र सराज के पंजाई में जनमंच की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जनमंच लोगों की समस्याओं के फौरी निपटारे का मंच है। भाषणबाजी होती रही तो समस्याएं कैसे निपटेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनमंच कार्यक्रम का उद्देश्य जरूरतमंदों की समस्याओं को घर द्वार पर जाकर सुनना और उनकी समस्याओं का मौके पर हल करना है। इससे पहले जनमंच के चार कार्यक्रम हो चुके हैं। इन कार्यक्रमों में मंत्रियों ने ही शिरकत की है लेकिन पांचवें जनमंच कार्यक्रम में वह खुद आए हैं। कोशिश करेंगे कि भविष्य के सभी कार्यक्रमों में वह खुद शामिल हों।
जनमंच में मांगों को नहीं मिलेगी प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि अब सुनिश्चित किया जाएगा कि जनमंच में केवल जनसमस्याएं ही ली जाएं। मांगों को प्राथमिकता नहीं मिलेगी। कार्यक्रम में पहुंचीं मांगों को अलग रखा जाएगा, जिस पर बाद में विचार किया जा सकता है। सीएम ने कहा कि जनमंच में शामिल होने वाली जिन समस्याओं का मौके पर निपटारा नहीं होता, उन्हें जिला उपायुक्त को भेजा जाएगा। उपायुक्त के पास भी हल नहीं निकला तो उसे मुख्यमंत्री कार्यालय देखेगा।