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सरकार ने कहा है कि चुनाव बांड पर सहमति नहीं बनने पर भी वह इस मामले में आगे बढ़ेगी। राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव बांड के प्रस्ताव पर अब तक सुझाव नहीं देने के बाद सरकार ने अपना इरादा स्पष्ट किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नकद चंदे की व्यवस्था को बदलना है। यह सच्चाई जानने के बावजूद लोग चुनाव बांड पर सुझाव देने को इच्छुक नहीं हैं। ऐसे में सुझाव नहीं आते और सहमति नहीं बïनती तो सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। उसे फैसला लेना होगा जो कानून का रूप लेगा। जेटली ने कहा, ‘मेरा मानना है आज देश बदल रहा है। बड़ी संख्या में लोगों की राय इस प्रस्ताव के समर्थन में है।’ वित्त मंत्री सोमवार को आयकर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने इस साल बजट भाषण में राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुमनाम नकद चंदे की सीमा 2,000 रुपये तय कर दी और बड़ी राशि के चंदे के लिए चुनाव बांड का प्रस्ताव दिया था। जेटली ने चुनाव बांड के प्रस्ताव पर राजनीतिक दलों से सुझाव देने को कहा था। लेकिन पिछले सप्ताह तक किसी भी दल ने सुझाव नहीं दिया था।