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मंगलवार को शुरू हुई दो दिवसीय द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से ब्याज दरों में बदलाव की संभावना बेहद कम है। यह इस वर्ष की आखिरी एमपीसी बैठक है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस बार की पॉलिसी बैठक में नीतिगत दरों को पूर्व दर (6 फीसद) पर ही बरकरार रख सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह सस्ते कर्ज की उम्मीद को लगातार दूसरा झटका होगा। इससे पहले अक्टूबर में हुई एमपीसी बैठक में भी आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों को 6 फीसद पर बरकरार रखा था।
क्या कहा इक्रा ने: इक्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव नरेश टक्कर ने बताया, “सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति के दूसरी छमाही में भी बढ़ने के आसार हैं और मार्च 2018 तक यह आंकड़ा 4.5 फीसद का हो सकता है। ऐसे में दिसंबर में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों पर आरबीआई की ओर से यथास्थिति बरकरार रखी जा सकती है।”