(Hindustan)
केंद्रीय बैंक के आरक्षित कोष का आकार तय करने को लेकर बनी बिमल जालान समिति जल्द रिपोर्ट सौंप सकती है। खबरों के मुताबिक, जालान समिति कह सकती है कि आरबीआई के पास 9.6 लाख करोड़ रुपये के आरक्षित कोष में करीब तीन लाख करोड़ ज्यादा हैं और समिति की सिफारिश के बाद रिजर्व बैंक तीन लाख करोड़ रुपये की पूंजी सरकार को सौंप सकती है। ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने सोमवार को इसका खुलासा किया। उसने कहा कि कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में घोषित योजनाओं या वादों को पूरा करने में यह बड़ी मददगार होगी। रिपोर्ट के अनुसार, जालान समिति रिजर्व बैंक से आकस्मिक कोष को 6.5 फीसदी से घटाकर 3.25 फीसदी करने को कह सकती है, इससे करीब 1.28 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त बचेंगे। समिति इसके लिए ब्रिक्स देशों के केंद्रीय बैंकों के रिजर्व कोष का हवाला दे सकती है।
इसी तरह यील्ड कवर को 9 से घटाकर 4.5 फीसदी करने की सिफारिश से 1.170 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं समिति पूरे आरक्षित कोष को 25.5 फीसदी के मौजूदा स्तर से घटाकर 20 फीसदी पर लाने को कहेगी, जिससे 1.96 लाख करोड़ रुपये बाहर आएंगे। ये सिफारिश 2004 में बनी ऊषा थोराट समिति की सिफारिशों से थोड़ा कम है, जिसने तो रिजर्व कोष को 18 से घटाकर 16 फीसदी पर लाने की वकालत की थी। जालान समिति कह सकती है कि केंद्रीय बैंक द्वारा यह पूंजी सरकार को हस्तांतरित करने में कोई दिक्कत नहीं है।