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इस बार संसद का शीतकालीन सत्र भले 14 कार्यदिवस में समाप्त हो जाए लेकिन इसके हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। सरकार ने सत्र के सुचारु संचालन के लिए बृहस्पतिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सर्वदलीय बैठक से ठीक पहले कांग्रेस सभी विपक्षी दलों के साथ बैठक कर पूरे सत्र की रणनीति तय करेगा। यह सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेगा जिसमें सिर्फ 14 कार्य दिवस है। सोमवार 18 दिसंबर को आने वाला गुजरात चुनाव का नतीजा भी तय करेगा की विपक्ष किस हद तक आक्रामक हो सकता है।
कांग्रेस अपने सियासी तरकश के राफेल विमान खरीद, किसानों की अनदेखी, गुजरात चुनाव प्रचार में पाकिस्तान को घसीटने जैसे कई मुद्दों के तीरों पर सान चढ़ा रहा है। यूपीए के एक सांसद के मुताबिक इस बार कांग्रेस को अन्य विपक्षी दलों का पूरा साथ मिलने का आश्वासन है। कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक में सरकार को घेरने संबंधी अंतिम फैसले लिए जाएंगे। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि इस सत्र में सरकार और विपक्ष मंदिर मुद्दे पर आपस में टकराएंगे।