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क्रिकेट के मैदान पर अपने बल्ले से विपक्षी टीमों को जवाब देने के लिए मशहूर सचिन तेंदुलकर ने संसद की पिच पर भी आलोचकों को अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। उन्होंने पिछले छह साल में राज्यसभा सांसद के तौर पर वेतन और भत्ते में मिले करीब 90 लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिए। उनका कार्यकाल 26 अप्रैल को खत्म हो रहा है। हाल में उन्हें अन्य रिटायर हो रहे सांसदों के साथ औपचारिक विदाई दी गई।
26 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं तेंदुलकर
भारत रत्न से सम्मानित सचिन को 26 अप्रैल 2012 को राज्यसभा सांसद मनोनीत किया गया था। वह राज्यसभा पहुंचने वाले पहले सक्रिय खिलाड़ी और क्रिकेटर थे। उन्होंने 2013 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। बतौर सांसद उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पड़ोस में बंगला आवंटित किया गया था लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि राज्यसभा में बेहद कम हाजिरी को लेकर उन्हें मीडिया और साथी सांसदों की कई बार आलोचना भी झेलनी पड़ी। कुछ माह पहले सचिन सदन में राइट टू प्ले पर अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए लेकिन हंगामे के चलते अपनी बात नहीं रख सके थे।