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भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अधिकांश सरकारी इमारतें सरकार की चिंता का कारण बनी हैं। इनमें से कई पुराने भवन भूकंप के बड़े झटकों को झेलने की स्थिति में नहीं है।ये तथ्य आपदा प्रबंधन विभाग के हाल ही में कराये एक सर्वे में सामने आया है। प्रारंभिक सर्वे के आधार पर अब विभाग ने सरकारी भवनों को भूकंप के खतरे से बचाने के लिए योजना तैयार की है।
योजना के तहत विभाग सरकारी इमारतों को विस्तृत सर्वे के जरिये यह संभावना टटोलेगा कि कितने भवनों को सुरक्षित बनाया जा सकता है और कितने भवनों का पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता होगी। इसकी एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिसके लिये वर्ल्ड बैंक फंड देने को तैयार हो गया है।कुछ दिन पूर्व विभाग और वर्ल्ड बैंक के उच्चाधिकारियों के बीच हुई प्रथम दौर की बैठक में फंडिंग को लेकर सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। ये राशि 700 से एक हजार करोड़ रुपये तक हो सकती है। इसकी पुष्टि करते हुए अपर सचिव (आपदा प्रबंधन) सी. रविशंकर ने कहा कि शासन को वर्ल्ड बैंक से पत्र आने का इंतजार है। तब तक फंड के बारे में सही जानकारी देना संभव नहीं।