(DJ)
लोकसभा चुनाव ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को खुशी का पैगाम दिया है। सरकार ने उनके गन्ने के बकाया भुगतान की पक्की गारंटी सुनिश्चित की है। इसके लिए दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का रियायती ऋण मुहैया कराने का फैसला किया गया है। लेकिन इस ऋण का उपयोग चीनी मिलें सिर्फ और सिर्फ गन्ना भुगतान में कर सकती हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में गन्ना किसानों की निर्णायक भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। केंद्र के इस फैसले के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने भी कमर कसना शुरू कर दिया है। मिलों को पहले से ही चेतावनी जारी कर भुगतान करने का दबाव बढ़ा दिया गया है। राज्य की 30 से अधिक संसदीय सीटों पर गन्ना किसानों का राजनीतिक प्रभाव है, जहां वे चुनाव नतीजों को उलट पलट सकते हैं। भाजपा यह मौका चूकना नहीं चाहती|