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लोकपाल की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से नाराजगी जताई। शीर्ष न्यायालय लोकपाल चयन के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों को नियुक्त किए जाने के लिए सरकारी कार्रवाई पर असंतोष जताया। जस्टिस रंजन गोगोई, आर. बानुमाथी और नवीन सिन्हा की पीठ ने केंद्र को चार सप्ताह के अंदर सर्च कमेटी का सारा ब्योरा एक नए शपथपत्र के साथ जमा कराने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने एक शपथपत्र जमा कराया और कहा कि चयन समिति की बैठक आयोजित की गई, लेकिन सर्च कमेटी के सदस्यों के नाम तय नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा, सर्च कमेटी की नियुक्ति के लिए चयन समिति की एक और बैठक जल्द ही आयोजित की गई जाएगी, जिसमें इन नियुक्तियों के लिए कानूनी प्रावधानों पर ध्यान दिया जाएगा।
इस मामले में याचिकाकर्ता गैरसरकारी संगठन कॉमन कॉज की तरफ से उपस्थित वकील प्रशांत भूषण ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि केंद्र सरकार अगली बैठक की पक्की तिथि नहीं बता रही है और उसका मकसद पांच साल पहले कानून के अस्तित्व में आ जाने के बावजूद अटके लोकपाल की नियुक्ति को टालने का है।