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उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते में हुए दो रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फिलहाल इंतजार करने को कहा है। उत्तर प्रदेश के खतौली में शनिवार को और औरैया में बुधवार को हुए हादसों के बाद से विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है।
प्रभु ने एक बाद एक कई ट्वीट करके इस्तीफे के इरादे जताए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण हादसों में बहुमूल्य जानें जाने और यात्रियों के घायल होने से वे बहुत दुखी हैं। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और हादसों की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद छोड़ने की पेशकश की।
इस पर पीएम ने उन्हें प्रतीक्षा करने को कहा। इससे पहले के ट्वीट में उन्होंने लिखा कि रेल मंत्री के रूप में तीन साल से भी कम समय में रेलवे को नई ऊचाइयों पर ले जाने के लिए उन्होंने अपना खून-पसीना एक कर दिया। दशकों से चली आ रही उपेक्षा के असर को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कई कदम उठाए गए। सभी क्षेत्रों में प्रणालीगत सुधार करने से न सिर्फ निवेश में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई बल्कि दूसरी कई उपलब्धियां भी हासिल हुईं।