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तीन तलाक संबंधी बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यह लोकसभा से पिछले हफ्ते ही पारित हो चुका है। सरकार को उच्च सदन में बिल को पारित कराने में दिक्कत आ सकती है क्योंकि यहां उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि विपक्ष बिल के कई प्रावधानों पर ऐतराज जता रहा है। ऐसे में अगर वह सहमत नहीं होता है तो इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजा जा सकता है।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन संगठन ने तीन तलाक बिल में तलाक ए अहसन को भी शामिल करने की मांग की है। यह तलाक की एक प्रक्रिया है जिसमें मध्यस्थता अनिवार्य है और इसमें 90 दिन की मोहलत मिलती है। संगठन ने इसके लिए राज्यसभा सांसदों को पत्र भी लिखा है।