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चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों को बंद कराने की बात कही थी। इसका असर सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही दिखने लगा है। प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रों में अवैध बूचड़खानों में तालाबंदी होनी शुरू हो गई है।मालूम हो कि प्रदेश में 250 से ज्यादा अवैध बूचड़खाने चिह्नित हैं। जिन्हें नगर निगम और संबंधित विभाग के अफसर कागज पर बंद बता रहे हैं। वास्तविकता यह है कि इन बूचड़खानों में रोज सैकड़ों जानवर काटे जाते हैं। प्रदेश में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बूचड़खानों (स्लाटर हाउस) को बंद करने की घोषणा से सकते में आए इलाहाबाद नगर निगम प्रशासन ने रविवार रात करेली पुलिस की मौजूदगी में अटाला और नैनी के चकदोंदी मोहल्ले में मानक के विपरीत चल रहे स्लाटर हाउस को सील कर दिया।
शहर में अटाला के साथ रामबाग और नैनी के बूचड़खानों को बंद करने का आदेश एनजीटी पहले ही दे चुका है। सोमवार को स्लाटर हाउस बंद करने की कार्रवाई से नाराज लोगों ने नगर निगम प्रशासन को कोसा। लोगों का कहना था कि एनजीटी के आदेश पर यदि बूचड़खाने बंद किए गए तो वहां काम कैसे हो रहा था। जानकारी के मुताबिक 90 की क्षमता के विपरीत अटाला स्लाटर हाउस में तीन सौ से अधिक जानवर रोज काटे जाते हैं।