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राज्य सरकार के विभागों के पुनर्गठन का अब नये सिरे से मसौदा तैयार होगा। मंगलवार को कैबिनेट के समक्ष सरकारी विभागों की संख्या घटाकर 44 किये जाने का प्रस्ताव आया लेकिन, चर्चा में इसे मंजूरी नहीं मिली। अब मुख्य सचिव या किसी वरिष्ठ आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में इसके लिए कमेटी गठित होगी।
मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में दो प्रस्ताव आये थे, लेकिन सिर्फ एक को मंजूरी मिली। विभागों के पुनर्गठन प्रस्ताव को अब नये सिरे से पेश किया जाएगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों को कैबिनेट की बैठक की जानकारी दी। 10 मई, 2017 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सीइओ आये थे। तब विभागों के पुनर्गठन की सलाह आयोग ने दी। उस समय स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की अध्यक्षता में ज्वाइंट वर्किंग कमेटी बनी।
जनवरी 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति गठित की गई। समिति ने सचिवालय स्तर पर राज्य सरकार के विभागों की संख्या को 95 से घटाकर 57 करने की सिफारिश की थी। उसने जहां 31 विभागों का स्वरूप यथावत बनाये रखने का सुझाव दिया था, वहीं महकमों के प्रस्तावित विलय के बाद 24 नए विभाग सृजित करने की संस्तुति की थी।