उत्तर प्रदेश को सस्ती और निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने बजट 2024-25 में इसकी व्यवस्था की है। गर्मियों में अनवरत विद्युत आपूर्ति के लिए योगी सरकार ने 2000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित है। यह राशि 2023-24 की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही योगी सरकार ने निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 1800 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन प्रदान किया
वर्ष 2023-2024 में अप्रैल से दिसम्बर तक जनपद मुख्यालय पर 24 घन्टे, तहसील मुख्यालय पर 21ः34 घन्टे और ग्रामीण क्षेत्र में 18ः09 घन्टे विद्युत आपूर्ति की गई। वर्ष 2017-18 से 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निःशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रुपए की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गई है। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए। पारेषण तंत्र की कुल क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाॅट थी, को वर्ष 2022-2023 में बढ़ाकर 28,900 मेगावाॅट तक किया गया हैै जिसे वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक बढ़ाकर 31,500 मेगावाॅट तक किया जाना लक्षित है।
4000 मेगावाॅट क्षमता वाले सोलर पार्क के विकास का लक्ष्य
भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु 4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास किया जाना नियोजित है। वर्ष 2016-2017 में उत्पादन निगम लिमिटेड की इकाईयों का कुल विद्युत उत्पादन 33,556 मिलियन यूनिट था जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 39,746 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया है।
निजी ऑनग्रिड पम्पों के सोलराईजेशन के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के तहत पीएम कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्पों के सोलराईजेशन हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुना है। इसी तरह उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 60 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 5 वर्षो में 22000 मेगावाॅट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावाॅट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी जो अब लगभग 2600 मेगावाॅट है। प्रदेश में अब तक 328 मेगावाॅट की सोलर रूफटाॅप परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है। अयोध्या एवं वाराणसी शहर को माॅडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु अब तक लगभग 3.35 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है।