(अमर उजाला)
अब किसानों के मोबाइल पर मेसेज आएगा कि आपकी फसल को पानी की जरूरत है। फसल में पानी डालिए। कल बारिश हो सकती है तो फसल के बचाव के इंतजाम कर लीजिए। यह सब संभव होगा कि ऑपरेशन द्रोणागिरी से।
केंद्र सरकार ने इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए देश के पांच जनपदों को चुना है। उसमें वाराणसी भी शामिल है। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट की मदद से भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर किसानों को सटीक खेती, फसल निगरानी और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी। मौजूदा उपज 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 45 हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों को बताया जाएगा कि उसके खेत की मिट्टी किस फसल के लिए उपजाऊ है। किसान को फसल के बारे में सुझाव दिए जाएंगे, फसल में कब पानी लगना है। फसल को कीट से कैसे सुरक्षित रखना है। यह सब मेसेज के जरिये किसानों को बताया जाएगा।