(Hindustan)
भाजपा के बड़े नेता भले ही पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में व्यस्त हों, लेकिन उसकी लोकसभा चुनाव की तैयारी पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। जिन राज्यों में चुनाव नहीं हैं वहां पार्टी का अपने हरेक सांसद और लोकसभा क्षेत्र का अंदरूनी सर्वे जारी है। लोकसभा के लिए सबसे अहम उत्तर प्रदेश में यह काम तेजी से चल रहा है। दिसंबर के अंत तक एक रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपी जाएगी। लोकसभा चुनाव में इसकी अहम भूमिका होगी। पार्टी के प्रमुख नेता ने कहा, इसके जरिये जमीनी हालत और कार्यकर्ताओं की राय जानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, सर्वे करने वाली टीम को पार्टी ने गुप्त रखा है। फिर भी कई स्थानों पर उनके बारे में कार्यकर्ताओं को पता लग ही जाता है। सर्वे करने वालों से कहा गया है कि वे न तो दबाब में आएं न ही किसी के कहने पर विश्वास करें।
यूपी ज्यादा अहम है क्योंकि यहां सबसे ज्यादा सीटें तो हैं ही, विपक्ष के संभावित गठबंधन का असर भी होगा। जातीय और सामाजिक समीकरणों में सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद के साथ आने पर दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इसलिए पार्टी ने ‘मिशन 50 प्लस’ का नारा दिया है। इसका मतलब सीटों का नहीं, बल्कि मत प्रतिशत का है। गठबंधन की स्थिति में भाजपा के लिए इसी स्थिति में सबसे ज्यादा संभावनाएं बनेंगी।