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जम्मू-कश्मीर सरकार ने सूबे में अल्पसंख्यक आयोग के गठन पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया. जिसमें सरकार की तरफ से कहा गया कि राज्य में आयोग के गठन को लेकर उनकी कोई योजना नहीं है.
दरअसल, जम्मू के रहने वाले एक वकील अंकुर शर्मा ने कोर्ट में जनहित याचिका लगाकर आयोग गठित करने की मांग रखी थी. याचिका में दलील दी गई है कि अल्पसंख्यकों के लिए अलग से आयोग न होने के चलते उन्हें लाभ नहीं मिल पाता. याचिका में ये भी कहा गया है कि यहां तक राज्य के अल्पसंख्यक हिंदू और सिखों के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद भी बहुसंख्यक आबादी पर खर्च कर दी जाती है.