(DJ)
वुहान में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई अनौपचारिक मुलाकात से भारत और चीन रिश्तों को सुधारने का जो सिलसिला शुरु हुआ था उसके कुछ ठोस परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं।
पिछले हफ्ते ब्रिक्स बैठक के बीच मोदी और चिनिफिंग की अगुवाई में हुई द्विपक्षीय बैठक में जिस तरह से सीमा विवाद का स्थाई हल निकालने पर जोर दिया गया है। वह दोनो नेताओं के बीच बढ़ रहे भरोसा का नतीजा है। माना जा रहा है कि सीमा विवाद को लेकर अगले दो से तीन महीने बेहद महत्वपूर्ण होंगे जब दोनो देशो के बीच दो उच्चस्तरीय बैठकें होगी। चीन के रक्षा मंत्री वी फेंगी अगले महीने भारत की यात्रा पर आएंगे जबकि उसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन की यात्रा पर जाएंगे।
चीन के रक्षा मंत्री भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के आमंत्रण पर नई दिल्ली आ रहे हैं जिसके दौरान दोनो देशों के बीच तकरीबन 3000 किलोमीटर लंबी सीमा पर शांति बनाये रखने को लेकर तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी। सनद रहे कि वुहान वार्ता के बाद बताया गया था कि दोनो देशों के शीर्ष नेताओं की तरफ से सैन्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए अतिरिक्त कदम उठाये जाने चाहिए ताकि डोकलाम जैसी स्थिति दोबारा पैदा न हो।