भारतीय सांख्यिकी प्रणाली में सुधार के लिए विश्व बैंक के संपर्क में नीति आयोग

0

(Hindustan)

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भारतीय सांख्यिकी प्रणाली में सुधार और उसे आधुनिक रूप देने की वकालत की है ताकि वास्तविक समय का आंकड़ा प्राप्त हो सके तथा उसका उपयोग नीति विश्लेषण में किया जा सके। कुमार ने कहा कि आयोग देश की सांख्यिकी प्रणाली को आधुनिक रूप देने के लिये विश्वबैंक के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने पीटीआई भाषा से बातचीत में कहा, ”एक चीज के बारे में मैं बिल्कुल साफ हूं कि हमारी सांख्यिकी प्रणाली में सुधार, उसे आधुनिक रूप देने तथा दुनिया की सांख्यिकी प्रणाली के समरूप करने की जरूरत है।

हाल में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम समेत कई विशेषज्ञों ने देश के संशोधित आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़े को लेकर संदेह जताया है। राजन और सुब्रमणियम दोनों ने कहा था कि जीडीपी आंकड़े को लेकर जो मौजूदा संदेह है, उसे दूर करने की जरूरत है। इसके लिये एक तटस्थ निकाय गठित किया जाना चाहिए जो इस पर गौर करे।

कुमार ने कहा, ”हाल ही में विश्वबैंक की टीम मुझसे मिली। वे इस बात के लिये उत्सुक थे कि हमारी सांख्यिकी प्रणाली को आधुनिक रूप देने के लिये क्या कदम उठाये जा रहे हैं ताकि हम वास्तविक समय के आंकड़ों पर आधारित सांख्यिकी प्रणाली तथा नीति विश्लेषण की ओर बढ़ सके। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) तथा राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) में मिलाने का फैसला किया है।

मंत्रालय ने कहा कि सीएसओ तथा एनएसएसओ के एनएसओ में विलय से आधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली दुरूस्त और मजबूत बनेगी तथा इससे बेहतर तालमेल हो सकेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार चालू वित्त वर्ष में रुग्न सार्वजनिक उपक्रमों कर निजीकरण कर पाएगी, कुमार ने कहा, ”हां। आप विनिवेश समेत गैर-कर राजस्व जुटाने को लेकर इस वित्त वर्ष में कुछ गंभीर कदम देख सकते हैं। सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में विनिवेश से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

Share.

About Author

Twitter Auto Publish Powered By : XYZScripts.com