भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ेगा महंगे क्रूड से बढ़ता आयात बिल

0

(AU)

दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन की कीमतें तय करने के लिए ब्रेंट क्रूड नामक व्यापारिक वर्गीकरण का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म पर पिछले छह महीने में ब्रेंट क्रूड के दाम बढ़कर 75 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के पार चले गए हैं, यह उछाल करीब 40 फीसदी रहा। इसकी वजह है अमेरिका, जिसने ईरान से तेल आयात करने वाले भारत सहित आधा दर्जन देशों को दी गई ढील खत्म करने का ऐलान किया है। इसके अलावा ओपेक देशों और रूस के 12 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन घटाने का असर भी कीमतों पर बखूबी पड़ा है। हमारे कुल आयात में करीब एक चौथाई हिस्सा क्रूड का होता है। लिहाजा इसमें कीमतें बढ़ने से अचानक देश का आयात बिल भी बढ़ जाता है।

पिछले साल तक हमने ईरान से अपनी जरूरत का 10 फीसदी तेल आयात किया और वह हमारा तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बना रहा। 2018-19 में भारत ने 2.3 करोड़ टन कच्चा तेल ईरान से खरीदा, लेकिन 2 मई के बाद प्रतिबंध प्रभावी होने से हमें नए स्रोत तलाशने होंगे। इस कदम से तेल कीमतों पर असर पड़ना तय है और हमारा आयात बिल भी बढ़ेगा।

Share.

About Author

Twitter Auto Publish Powered By : XYZScripts.com