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विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि भारत की विकास दर चालू वित्त वर्ष के अंत तक 7.3 फीसदी के आंकड़े को छू सकती है और अर्थव्यवस्था तेजी पकड़ते हुए अगले दो साल में 7.5 फीसदी की विकास दर तक पहुंच सकती है। वैश्विक कर्जदाता ने दक्षिण एशिया को लेकर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से आए अस्थायी गतिरोध से उबरती दिख रही है।
हालांकि ये भी आशंका जताई कि घरेलू जोखिम और गैर अनुकूल वैश्विक माहौल मेक्रो-इकोनॉमिक संभावनाओं को प्रभवित कर सकते हैं। विश्व बैंक ने रिपोर्ट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में 6.7 फीसदी की विकास दर हासिल की थी, जिसमें हालिया महीनों के दौरान अहम तेजी भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी को लागू करना और बैंकों का रि-कैपिटलाइजेशन करना भारत के विकास को मजबूत कर रहा है और इसके आगे भी तेजी पकड़े रहने की संभावना है।