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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 मई को दिल्ली में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के चलते भाजपा के पदाधिकारी और शीर्ष नेताओं की सक्रियता अभी दिल्ली में बढ़ी है, लेकिन परदे के पीछे काम करने वाली टीम उन सीटों की समीक्षा में जुट गई है जहां पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी की शोध टीम ने यहां कमजोर कड़ियों की पड़ताल शुरू कर दी है।
प्रदेश में रायबरेली समेत 16 सीटों पर भाजपा को शिकस्त मिली है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह एक लाख 67 हजार से अधिक मतों से पराजित हुए हैं। सोनिया की जीत का आंकड़ा कम होने से अमेठी सीट जीतने की खुशी बढ़ गई है, लेकिन पार्टी ने अब रायबरेली पर भी निगाह गड़ा दी है। वोट के लिहाज से मजबूत और कमजोर बूथों की सूची बननी शुरू हो गई है। श्रावस्ती सीट पर दद्दन मिश्र को भाजपा ने दोबारा मौका दिया था लेकिन, इस बार वह मात्र 5320 मतों से पराजित हो गए। दद्दन मिश्र सबसे कम मतों से चुनाव हारने वाले उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद हैं। इसके बाद सहारनपुर में राघव लखनपाल की हार है जिन्हें मात्र 22417 मतों के चलते संसद में दोबारा पहुंचने का मौका नहीं मिला। अमरोहा में कंवर सिंह तंवर को 63248, बिजनौर में कुंवर भारतेंदु सिंह 69941, जौनपुर में केपी सिंह 80936, मुरादाबाद में सर्वेश सिंह 97878, लालगंज में नीलम सोनकर 161597, घोसी में हरिनारायण राजभर 122568, गाजीपुर में 119392, नगीना में यशवंत सिंह 166832 मतों से पराजित हुए हैं।