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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि बैंकों के एनपीए (फंसे हुए कर्ज) के मामले में सरकार दुविधा में फंस गई है। लिहाजा अब वह बैंकिंग सेक्टर की क्षमताओं को दोबारा मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है ताकि आर्थिक विकास दर तेज हो सके।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठकों में हिस्सा लेने के लिए एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे जेटली ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में सुधार सरकार का शीर्ष एजेंडा है। आज जब अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विकास दर में उम्मीद जगती दिख रही है तो हम बैकिंग सेक्टर में सुधार के लिए एक नई योजना पर काम कर रहे हैं। यह हमारा टॉप एजेंडा है।
हमें अपने बैंकिंग सेक्टर की क्षमता दोबारा खड़ी करने की जरूरत है। जेटली ने बोस्टन यूनिवर्सिटी में भाषण देते हुए जेटली ने कहा मुझे विरासत में एक ऐसा बैंकिंग सिस्टम मिला, जो एनपीए के बोझ तले दबा है। बैंक अपना कर्ज उतारने में नाकाम हैं। हम दुविधा की स्थिति में है।