बेटे की तरह बेटी को भी जन्म से ही है पैतृक संपत्ति में हक- सुप्रीम कोर्ट

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(DJ)

सुप्रीम कोर्ट ने पिता की पैतृक संपत्ति में हिन्दू लड़की के हक पर अहम व्यवस्था दी है। कोर्ट ने कहा है कि हिन्दू उत्तराधिकार कानून 1956 के बनने से पहले पैदा हुई लड़की को भी पिता की संपत्ति में पुत्रों के बराबर हक है। कानून की व्याख्या करते हुए कोर्ट ने कहा है कि 2005 में हिन्दू उत्तराधिकार कानून में किये गए संशोधन में बेटी को पिता की संपत्ति में जन्म से अधिकार दिया गया है जैसा कि पुराने कानून में बेटे को मिला है। ऐसे में बेटी को भी बेटे की तरह संपत्ति में जन्म से अधिकार मिलेगा। दोनों पैतृक संपत्ति में जन्म से सहभागी माने जाएंगे।

यह अहम व्यवस्था न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने गत 1 फरवरी को कर्नाटक की दो बहनों के पिता की संपत्ति में हक पर मुहर लगाते हुए दी। निचली अदालत और कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह कहते हुए बेटियों की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग खारिज कर दी थी कि उनका जन्म हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के बनने से पहले हुआ था। इतना ही नहीं बेटियों की ये दलील भी खारिज कर दी थी कि 2005 में हिन्दू उत्तराधिकारी अधिनियम में हुए संशोधन के बाद उन्हें पिता की संपत्ति में कानूनन हक मिला है।

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