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अपने ग्राहकों से जुड़ी जानकारी को उनसे पूछे बगैर राजनीतिक दुरुपयोग के मामले पर दुनिया की सबसे मशहूर सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। एक तरफ कंपनी के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन में जांच शुरु हो गई है तो दूसरी तरफ दूसरे सबसे बड़े बाजार भारत सरकार ने बेहद कड़ी चेतावनी दी है। सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दो टूक शब्दों में कहा है कि, अगर फेसबुक भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को भारत में सम्मन भेज कर बुलाने की भी धमकी दी है।
भारतीय आइटी मंत्री का यह सख्त रुख तब आया है जब अमेरिका में ग्राहकों के हितों की रक्षा से जुड़ी एजेंसी फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने फेसबुक के खिलाफ जांच शुरु की है कि क्या कंपनी ने अपने ग्राहकों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी उनके आज्ञा के बगैर किसी दूसरी एजेंसी को दी है या नहीं। कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग अमेरिकी कांग्रेस में भी उठी है। इसी तरह से ब्रिटेन और यूरोपीय कमीशन में भी फेसबुक के खिलाफ जांच शुरु हो गई है। यह जांच मीडिया में आइ उन रिपोर्टो के आधार पर शुरु की गई है जिसमें यह दावा किया गया है कि फेसबुक के पांच करोड़ ग्राहकों के डेटा से ली गई जानकारी का इस्तेमाल अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए किया गया है। विवाद के केंद्र में ब्रिटेन की कैम्बि्रज एनालिटिका नाम की कंपनी है जिसे सूचनाओं के आधार पर आकलन करने के क्षेत्र में दुनिया की बेहतरीन कंपनियों में माना जाता है। इस खुलासे के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के तमाम देशों में हड़कंप मच गया है। यह पहला मामला है जिसमें सोशल साइट्स के ग्राहकों की जानकारी के आकलन के आधार पर राजनीतिक फायदा उठाने की बात सामने आई है।