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पेट्रोलियम कंपनियों को कर्नाटक चुनाव से पहले का मार्जिन हासिल करने के लिए पेट्रोल में चार रुपये से 4.55 रुपये तक और डीजल में साढ़े तीन से चार रुपये तक की बढ़ोतरी करनी होगी। इस बीच, बृहस्पतिवार को पेट्रोल में 22 पैसे प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि के कारण दिल्ली में इसकी कीमत 75.32 रुपये हो गई, जो पांच साल का उच्चतम स्तर है। डीजल में भी 22 पैसे की वृद्धि के कारण राजधानी में इसकी कीमत 66.79 रुपये हो गई।
चुनाव खत्म होने के बाद से पेट्रोल में 69 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 86 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसके बावजूद पेट्रोलियम कंपनियों को प्रति लीटर 2.70 रुपये का न्यूनतम मार्जिन भी नहीं मिल रहा है। इसके मद्देनजर उनका कहना है कि आने वाले हफ्तों में पेट्रोल में साढ़े चार रुपये और डीजल में चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करनी होगी।
कंपनियों का कहना है कि चुनाव से पहले 24 मई को आखिरी बार जब पेट्रोल की कीमत बढ़ाई गई थी तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमत 74.84 डॉलर प्रति बैरल थी जो अब बढ़ कर 83.30 डॉलर बैरल हो गई है। इसकी वजह से उनका प्रति लीटर मार्जिन घटकर 0.31 पैसे रह गया है। बता दें कि चुनाव खत्म होने के बाद पहली बार 14 मई को पेट्रोलियम उत्पादों में मूल्यवृद्धि की गई थी। इससे पहले मूल्य वृद्धि नहीं करने की वजह से कंपनियों को 500 करोड़ की चपत लग चुकी है।