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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सभी मंत्रियों से कहा कि वह सभी सुबह साढ़े नौ बजे अपने-अपने कार्यालय पहुंचने की कोशिश करें। इसके अलावा उन्हें कहा गया है कि घर से काम करने से बचें और दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें। मोदी ने अपने सहयोगियों से कहा है कि 40 दिनों के संसद सत्र के दौरान किसी तरह का बाहरी दौरा न करें। इसके लिए उन्होंने अपने गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यकाल का उदाहरण दिया।
मोदी ने कहा कि वह अधिकारियों के साथ समय पर कार्यालय पहुंच जाया करते थे इससे दिन के लिए कार्य निर्धारित करने में मदद मिलती थी। प्रधानमंत्री ने सत्ता में दोबारा वापसी करने के बाद पहली बार बुधवार को मंत्रीपरिषद् के साथ बैठक की। उन्होंने वरिष्ठ मंत्रियों से कहा है कि चुने गए सांसदों से मिलने के लिए समय निकालें क्योंकि मंत्री और सांसद में ज्यादा अंतर नहीं है। सूत्रों का कहना है कि मोदी ने सभी मंत्रियों से कहा कि वह अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर कुछ मिनट विकास कार्यों को लेकर चर्चा करें।
उन्होंने सभी मंत्रियों से पांच साल का एजेंडा लेकर आने के लिए कहा ताकि प्रभावशाली निर्णय लिए जा सकें और इसपर सरकार के 100 दिनों में कार्य शुरू हो सके। इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 2019 के उच्च शिक्षण संस्थानों के आरक्षण विधेयक के स्थान पर नए विधेयक को मंजूरी दी जिससे 7,000 शिक्षकों की भर्ती की जा सकेगी। एक अधिकारी ने बताया, ‘शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार की ओर जोर दिया गया है और इसी के मद्देनजर इस विधेयक को पेश करने को मंजूरी दी गई है।’