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नोटबंदी के बाद बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को गिनने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कार्यालय में मशीनों का प्रयोग नहीं हुआ। यह जानकारी एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आई है। केंद्रीय बैंक ने बंद हो चुके पुराने नोटों को गिनने के काम में लगाए गए कुल कर्मचारियों की संख्या बताने से इनकार कर दिया। आरबीआई का कहना है कि यह सूचनाएं जुटाने में उसके संसाधन कम पड़ जाएंगे। साल 2016-17 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा था कि 15.28 लाख करोड़ रुपये या विमुद्रित 500 और 1000 रुपये के नोट का 99 फीसदी हिस्सा बैंकिंग सिस्टम में आ गया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया कि 15.44 लाख करोड़ के पुराने नोट से सिर्फ 16050 करोड़ रुपये वापस नहीं आए। 10 अगस्त की तारीख वाली आरटीआई के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई कार्यालय ने किसी भी उद्देश्य के लिए काउंटिंग मशीन का प्रयोग नहीं किया।