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झारखंड में आदिवासियों का दर्द सहलाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बृहस्पतिवार को पटना पहुंच रहे हैं। इस दौरान ज्ञान भवन में उनकी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ तीन-तीन बैठकें होंगी, जबकि सुबह नाश्ते व रात में खाने पर उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश से होनी तय है। इससे ये संभावना बन रही है कि बृहस्पतिवार को बिहार की चुनावी तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी।
सूत्रों की माने तो जदयू कार्यकारिणी के बाद सीट बंटवारे पर हुई बयानबाजी के आधार पर शाह दोनों पार्टियों को साथ मिलकर काम करने की सहमति बनाने वाला फार्मूला लेकर आ रहे हैं। हालांकि जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार का चेहरा ही बिहार में एक ऐसा चेहरा है, जो सभी जगहों पर समान रूप से लोकप्रिय है। मालूम हो कि 2014 लोकसभा चुनाव में राजग उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में बंटी 40 सीटों में कुल 31 सीटें जीता था, जबकि अलग चुनाव लड़े जदयू को 2 सीट मिली थी। अब जदयू के भी राजग का हिस्सा होने से 33 सीटें इनके कब्जे में हैं। बाकी की सात सीटों पर राजद, कांग्रेस और दूसरे दल काबिज हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह इन्हीं 7 सीटों के जरिए नीतिश को सहमत करने का फार्मूला आजमाने जा रहे हैं|