(Hindustan)
ओएनजीसी के कई महत्वपूर्ण विभागों को दिल्ली शिफ्ट करने के विरोध में मंगलवार को ओएनजीसी कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान इंटक के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने आंदोलन की अगुवाई की। साथ ही प्रबंधन को चेतावनी दी कि यदि इस मुद्दे का जल्द हल नहीं ढूंढा जाता है तो इसके गंभीर परिणाम निकलेंगे।
ओएनजीसी तेल भवन में मंगलवार दोपहर एक बजे के करीब बड़ी संख्या में ओएनजीसी कर्मचारी मुख्य गेट पर एकत्रित हुए। यहां प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना रोष व्यक्त किया। इस दौरान ओएनजीसी स्टाफ यूनियन और ओएनजीसी कांट्रेक्टर इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारी कर्मचारियों के साथ संयुक्त रूप से प्रदर्शन में शामिल रहे। मुख्य गेट पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि दून स्थित ओएनजीसी से गुपचुप तरीके से विभागों को शिफ्ट किया जाना बड़ी साजिश है।
हालत ये है कि दून में कर्मचारियों की संख्या आधे से कम रह गई है। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी प्रबंधतंत्र के इस निर्णय से पूरी तरह से लगभग 2000 नियमित और 1200 संविदा और उपनल के पूर्व सैनिक कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है। बिष्ट ने आरोप लगाते हुए कहा कि ओएनजीसी का पैन कार्ड दिल्ली चले जाने से अब उत्तराखंड आयकर दाखिल करने वाले राज्यों में अपना पहला स्थान खो देगा। इससे सीधे तौर पर राज्य को सालाना सौ करोड़ का नुकसान होगा और यह राज्य की सरकार नहीं समझ पा रही है।