देश को आत्मनिर्भर बनाने का जो लक्ष्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने निर्धारित किया है उसे मूर्त रूप देने के लिये जरूरी है कि हम देश की आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा दें। इसके लिये उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ गंभीरता से काम कर रहे हैं और पूरे प्रदेश में देश के विभिन्न भागों से वापस आये प्रवासी मजदूरों की मै पिंग करायी जा रही है जिसमें महिलाओं के कौशल की मैपिंग पर विशेष जोर दिया जा रहा है। हमें यह भली भांति ज्ञात है कि यदि हमें देश और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना है तो हमें महिला उद्यमियों को तैयार करना होगा जो दूसरी महिलाओं को रोजगार दे सकें।
यह बात आज उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास और पुष्ठाहार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीमति स्वाति सिंह ने हम फाउंडेशन और खबरइंडिया द्वारा आयोजित एक वेबीनार में कहीं। बेबीनार का विषय था ‘कोरोना महामारीः महिलाओं को सशक्त करके की देश बनेगा आत्मनिर्भर‘ और इसमें उत्तराखंड की उच्चशिक्षा की उपाध्यक्ष श्रीमति दीप्ती रावत भारद्वाज ने भी हिस्सा लिया। स्वाति सिंह ने जानकारी दी की प्रदेश में 32 लाख प्रवासी मजदूरों की ‘स्किल मैपिंग‘ करायी जा चुकी है। इसमें करीब 29 हजार महिलाएं भी हैं जिनकी मै पिंग की गयी है और इन्हें प्रशिक्षण और रोजगार देने स्वयं सहायता समूहों पर काम चल रहा है जो पूरे प्रदेश में बेहतरीन काम कर रहे है। मनरेगा के बारे में श्रीमति सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने सभी विभागों को स्पष्ट आदेश दिया है कि प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिये प्रतिदिन 1 लाख मानवदिवस मजदू री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
उन्हां ेने कहा कि एक ओर तो प्रदेश में माइग्रेशन कमीशन पर काम चल रहा है वहीं मुख्यमंत्री गम्भीरता से प्रदेश के मजदूरों और कामगारों को प्रदेश में ही रोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके लिये पहले से मौजूद विश्वकर्मा सम्मान योजना के तहत महिलाओं को भी प्रशिक्षण और समर्थन देने पर काम चल रहा है। इसमें महिलाओं को 10 हजार रुपये तक के एक किट देने की भी व्यवस्था है। स्वाति सिंह ने बताया कि जो महिलाओं जिनके पास दू सरी महिलाओं को प्रशिक्षित करने की योग्यता और जज़्बा है उन्हें भी मुद्रा लोन और एमएसएमई के तहत ऋण प्रदान कर खुद उद्यम शुरू करने के लिये हर तरह का सहयोग देने का प्रयास भी राज्य सरकार कर रही हैं। इसके साथ ही महिला कल्याण विभाग की कन्या सुमंगला योजना के तहत भी प्रदेश में महिलाओं को समर्थन प्रदान किया जायेगा।
वेबिनार में उत्तराखंड की उच्चशिक्षा की उपाध्यक्ष श्रीमति दीप्ती रावत भारद्वाज ने बताया कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलों को ‘स्किल मैपिंग‘ करने का आदेश दिया है ताकि यह पता किया जा सके कि प्रवासी मजदूर खासकर महिलाएं किन क्षेत्रों में रोजगार करने के योग्य हैं। इसके लिये एक वेबसाइटी hope.uk.gov.in भी शुरू की है जिसमें यह सभी अपना पंजीकरण भी कर सकते हैं और सरकार उन्हें रोजगार प्राप्त करने मंे मदद करेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री रावत पहले से ही रैबार कार्यक्रम चला रहे हैं जिसके तहत प्रवासियों को वापस उत्तराखंड लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने स्वरोजगार का उदाहरण देने हुए बताया कि सरकार ने बद्रीनाथ-केदारनाथ में प्रसादम योजना के तहत महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्रोत्साहित करके प्रसाद को तैयार करने का काम शुरू करवाया और आज इस काम में कई लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ‘बासा‘ योजना पर भी काम कर रही है जिसमें महिलाओं समेत दूसरे स्वयं सहायता समूहों को ‘होम स्टे‘ चलाने के लिये दिये गये हैं। इसमें महिलाएं वहीं पर किचन गार्डन और अन्य सुविधाएं भी तैयार कर रहीं है जिससे पर्यटकों को एक अलग ही माहौल मिल सके। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान कर रही हैं जिससे वह माल्टा का जूस बनाने, कंडाली घास के फाइबर से कपड़ा बनाना, टोकरिया बनाना, आॅरगैनिक खेती करना, हाॅर्टिकल्चर आदि जैसे काम कर सकते हैं और कर भी रहे हैं।
वेबिनार में ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस उद्यमी डा. झूम र कुलश्रेष्ठ ने कोरोना संकट के बाद महानगरों से हो रहे पलायन को देखते हुए महिलाओं के रोजगार के क्षेत्र में अमूलचूल परिवर्तन आने की बात कही। उनका कहना था कि यदि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों की सरकारें महिलाओं के प्रक्षिशण और उन्हें सहयोग देने पर काम करें तो निश्चित तौर पर वह प्रदेश की आ र्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं।
Facebook Page of Khabarindia: https://www.facebook.com/khabarindia.in/videos/560451931203196/
Youtube Channel of Khabarindia: https://youtu.be/vH5MOfmA_rQ