1.4 बिलियन आबादी वाले भारत को दुनिया में भविष्य की वैश्विक ऊर्जा मांग के मुख्य केंद्र के रूप में प्रक्षेपित किया जा रहा है। हमारे देश की प्रगति बढ़ती आबादी की ऊर्जा मांग से जुड़ी हुई है। मुख्य ऊर्जा खपत में तेल और गैस का करीब 29% का योगदान है और देश कच्चे तेल तथा प्राकृतिक गैस के आयात पर अत्यधिक निर्भर है। भारत सरकार द्वारा, ऊर्जा प्राप्ति, ऊर्जा सक्षमता, ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा संधारणीयता सुनिश्चित करने हेतु कई नीतिगत उपाय किए गए हैं।
भारत के तेल और गैस उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ उपलब्ध कराने हेतु, तेल तथा गैस पीएसयू और आईआईटी बॉम्बे “तेल, गैस और ऊर्जा में उत्कृष्टता केन्द्र” की स्थापना हेतु सहयोग के लिए एक साथ आए हैं। उत्कृष्टता केंद्र तेल, गैस एवं ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान तथा क्षमता निर्माण के उद्देश्य पर केंद्रित है। यह भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए प्रौद्योगिकी में नए सीमाचिह्नों के आविष्कार तथा निरंतर समाधान के विकास की दिशा में कार्य करेगा। उत्कृष्टता केंद्र आईआईटी बॉम्बे और तेल एवं गैस उद्योग में उपलब्ध विशेषज्ञता को बल प्रदान करेगा। यह उद्योग-एकेडेमिया पारस्पारिकता हेतु एक संस्थागत मंच भी प्रदान करेगा।
यह समझौता ज्ञापन आज दिल्ली में निदेशक, आईआईटी बॉम्बे तथा तेल उद्योग (आईओसी, बीपीसी, एचपीसी, ओएनजीसी, गेल, ईआईएल एवं ओआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों के बीच माननीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, श्री. धर्मेंद्र प्रधान, सचिव पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, डॉ. एम. एम. कुट्टी की गरिमामय उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और तेल पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। उत्कृष्टता केंद्र से नवोत्पाद में गति हेतु सहयोग प्रदान करने और देश में भविष्यगत तैयार ऊर्जा उद्योग को विकसित करने में सहयोग की अपेक्षा है।