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ऊधमसिंहनगर में एनएच -74 घपले में छह पीसीएस अफसरों को निलंबित करने के बाद उत्तराखंड सरकार ने मामले में सीबीआई से जांच के आदेश करते हुए इसकी सिफारिश केंद्र को भेज दी है। घपले के सभी दस्तावेज सील कर अब सीबीआई को सौंपा जाएंगे।
बता दें कि कुमाऊं कमिश्नर डी सैंथिल पांडियन के प्रारंभिक जांच में करीब ढाई सौ करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ। अभी घपला और ज्यादा पहुंचने की आशंका है। राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर छह पीसीएस अफसरों को निलंबित कर दिया है, जबकि सातवां पीएसएस अफसर रिटायर हो चुका है। मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि शासन ने केंद्र को मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भेज दी है।
ये है मामला
वर्ष 2011 से 2016 तक यूएसनगर के चार तहसीलों जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज में कृषि भूमि के लैंडयूज बदलने में वहां तैनात एसडीएम, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलईओ), सब रजिस्ट्रार कार्यालय, एनएच प्राधिकरण के अफसरों ने काश्तकारों के साथ मिलीभगत कर राज्य के सबसे बड़े भूमि घोटाला को अंजाम दिया। बैकडेट में जमीनों का लैंडयूज बदलने के साथ ऐसी जमीन को भी अकृषक दिखा दिया, जिसमें फसल की पैदावार है।