(Hindustan)
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अप्रैल माह में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ के पार जाने को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। कहा कि जीएसटी राजस्व संग्रह में वृद्धि देश की आर्थिक तेजी का सबूत है।
जेटली ने मंगलवार को जीएसटी राजस्व संग्रह के आंकड़े जारी किए जाने के बाद प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया कि इससे आर्थिक गतिविधियों की पुष्टि होती है। कर संग्रह में बढ़ोतरी से आर्थिक दायरे बढ़ाने में ज्यादा मदद मिलेगी और अर्थव्यवस्था को बुलंदियों पर ले जा सकेंगे। उन्होंने सभी करदाताओं, जीएसटी परिषद के सदस्यों और केंद्र एवं राज्य के कर अधिकारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। कहा, आर्थिक माहौल में सुधार होने के साथ ही ई-वे बिल लागू किए जाने और जीएसटी अनुपालन में बढ़ोतरी होने से जीएसटी राजस्व संग्रह में आगे भी वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जीएसटी का संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने से नई प्रणाली के स्थिर होने का संकेत मिलता है। जीएसटी को पिछले साल एक जुलाई से लागू किया गया है।
कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में लोग पिछले महीने के बकाये का भी भुगतान करने की कोशिश करते हैं। इसी कारण अप्रैल में राजस्व वसूली के आंकड़ों में उछाल आया है। लेकिन इस प्रवृत्ति को स्थिर नहीं माना जा सकता है और आगे के महीनों में यह फिर नीचे जा सकता है।
69 फीसदी ने जीएसटीआर 3बी भरा
आंकड़ों में बताया गया कि मार्च के लिए 30 अप्रैल तक कुल 69.5 प्रतिशत लोगों ने जीएसटीआर 3बी रिटर्न दाखिल किए हैं। जबकि कंपोजीशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर-4 दाखिल किए और 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया।
चालू वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ का लक्ष्य
जीएसटी परिषद ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 12 लाख करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। उसका कहना है कि 1 अप्रैल को लागू किए गए ई-वे बिल से भी काफी राजस्व की प्राप्ति होगी, जिसका नतीजा जून, जुलाई में दिखेगा।