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देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर 1 जुलाई से सरकार इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में और सुधारों को लागू करने की शुरुआत कर सकती है। इसमें नया रिटर्न सिस्टम, नकद खाता बही प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने और सिंगल रिफंड डिस्बर्सिंग मैकेनिज्म समेत कई सुधारों की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय ने रविवार को विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सोमवार को होने वाले कार्यक्रम में वित्त एवं कंपनी मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर विभिन्न विभागों के सचिवों और अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। जीएसटी लागू होने के दो साल के मौके पर ट्रायल बेसिस पर नया रिटर्न फॉर्म सिस्टम लागू किया जाएगा और 1 अक्तूबर से इसे अनिवार्य किया जा सकता है।
इसके अलावा छोटे करदाताओं के लिए सहज और सुगम रिटर्न का प्रस्ताव दिया गया है। नकद खाते को तर्कसंगत बनाते हुए 20 मदों को पांच प्रमुख मदों में शामिल किया जाएगा। कर, ब्याज, जुर्माना, शुल्क और अन्य चीजों के लिए सिर्फ एक नकद बहीखाता होगा। इसके अलावा सरकार सिंगल रिफंड डिस्बर्सिंग मैकेनिज्म पेश करेगी, जिसके तहत सभी चार बड़े मदों सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और सेस के लिए रिफंड को मंजूरी मिलेगी।