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ऐसा कोई कानूनी आधार नहीं है जिसके तहत दिल्ली सरकार गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार कार्ड अथवा बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज देने के लिए विवश करे। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की है। याचिका में दिल्ली सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए इन दस्तावेज को देना अनिवार्य कर दिया गया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की खंडपीठ ने कहा दिल्ली सरकार महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना जैसी गर्भावस्था योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार अथवा अन्य दस्तावेज देने के लिए विवश नहीं करेगी। कोर्ट ने इसके अलावा इन योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार करने का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया है क्योंकि ज्यादातर महिलाओं को इन योजनाओं की जानकारी नहीं है।
कोर्ट ने यह निर्देश अधिवक्ता सीजा नायर पाल के जरिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में दिल्ली सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत अस्पताल में कैशलेस उपचार की सुविधा के लिए आधार पेश करना अनिवार्य कर दिया गया था।