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चुनाव आयोग ने गुरुवार को ईवीएम में गड़बड़ी के बसपा प्रमुख मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था जिससे कांग्रेस और आप ने भी सहमति जताई है।
आरोप बेतुके :
आयोग ने कड़े शब्दों में कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप निराधार, अनुमान पर आधारित और बेतुके हैं। उसने स्पष्ट किया कि उसे चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी दल या प्रत्याशी की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ की कोई स्पष्ट शिकायत या ठोस सामग्री नहीं मिली। ईवीएम से छेड़छाड़ से जुड़ी बसपा की शिकायत में भी कोई ठोस आरोप नहीं थे। चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रही है। आयोग ने कहा कि यदि कोई आरोप ठोस साक्ष्यों के साथ उसके सामने पेश किया गया तो उसकी जांच होगी।
110 चुनाव में खरी उतरी :
आयोग ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की शिकायतों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी खारिज किया है। ईवीएम वर्ष 2000 से चलन में है। आयोग ईवीएम से अब तक विधानसभा के 107 और तीन लोकसभा चुनाव (2004, 2009 और 2014) करवा चुकी है। एक चैनल पर ईवीएम से छेड़छाड़ के फुटेज पर आयोग ने कहा है कि चुराई गई मशीन को बदलकर उसमें छेड़छाड़ का प्रदर्शन किया गया है। लिहाजा उसे आयोग की ईवीएम नहीं माना जा सकता।