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गुजरात में महाचक्रवात का संकट यथावत है। ओमान की तरफ बढ़ रहे महाचक्रवात ने एक बार फिर दिशा बदल ली है। वह अब गुजरात की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। महाचक्रवात छह नवंबर की रात द्वारका-वेरावल तटीय क्षेत्रों से टकाएगा। जिससे 110 से 120 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। गुजरात सरकार ने भी महाचक्रवात से निपटने के लिए कमर कस ली है। गुजरात सरकार ने सौराष्ट्र-दक्षिण गुजरात में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है। अधिकारियों को हेडक्वाटर नहीं छोड़ने की सूचना दी गई है।
मौसम विभाग के निदेशक जयंता सरकार ने सोमवार को बताया कि महाचक्रवात का खतरा गुजरात से अभी टला नहीं है। महाचक्रवात ने दिशा बदल ली है। गुजरात के लिए अगले 24 घंटे निर्णायक रहेंगे। महाचक्रवात अभी वेरावल से 590 किलोमीटर दूर व दिव के पश्चिम- दक्षिण पश्चिमी से 630 किलोमीटर दूर है। मंगलवार को महाचक्रवात कमजोर होने लगेगा। महाचक्रवात छह नवंबर की रात दव और वेरावल, द्वारका के तटीय क्षेत्र से 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे तेजी से आगे बढ़ेगा। जिसके कारण गुजरात में भारी से अति बारिश होने की संभावना है। प्रदेश के तमाम बंदरगाहों पर दो नंबर का सिग्नल लगा दिया गया है और मछुआरों को समुद्र मे न जाने की सलाह दी गई है।