गाजीपुर बॉर्डर खाली, वाहनों की आवाजाही आज से

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(A.U)

छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए सिंघु बॉर्डर की दोनो कैरिज-वे की तीन लेन खोल दी गई है। बची पांच लेन की मरम्मत का काम अभी चल रहा है। काम पूरा होने के बाद इनको भी खोल दिया जाएगा। सभी लेन खुलने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही भी हो सकेगी।

यूपी गेट पर एक साल 17 दिन से डटे किसानों ने बुधवार सुबह हवन-पूजन के बाद फतेह मार्च के साथ अपने घरों को रवाना हो गए। पुलिस के मुताबिक मरम्मत व मलबा हटाने के बृहस्पतिवार से गाजीपुर सीमा सभी वाहनों के लिए खोल दी जाएगी।

दूसरी ओर, किसान आंदोलन खत्म होने के बाद छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए सिंघु बॉर्डर की दोनो कैरिज-वे की तीन लेन खोल दी गई है। बची पांच लेन की मरम्मत का काम अभी चल रहा है। काम पूरा होने के बाद इनको भी खोल दिया जाएगा। सभी लेन खुलने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही भी हो सकेगी।

गाजीपुर बॉर्डर पर दो घंटे तक किसानों ने जमकर जीत का जश्न मनाया, फूलों की वर्षा के बीच लोक व देशभक्ति गीतों पर किसान खूब झूमे। काफिले में सबसे आगे राकेश टिकैत तिरंगा व भाकियू का झंडा लहराकर लोगों का अभिवादन करते हुए निकले। जाते- जाते टिकैत ने कहा कि 13 महीने के संघर्ष के बाद किसानों का सम्मान लौटा है। जो नौजवान, अन्नदाता दबा हुआ था, उसे अपनी बात कहने की आजादी मिली है। अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। भारत सरकार से समझौते के आधार पर आंदोलन स्थगित हुआ है।

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 13 महीने बाद किसान घर लौट रहा है। उन्होंने कहा कि तीन कानून वापस हुए हैं, भारत सरकार से समझौते के आधार पर बातचीत हुई है। उसी पर आंदोलन खत्म नहीं, बल्कि अभी स्थगित हुआ। एमएसपी पर कहा कि इस मुद्दे पर देश में एक बहस शुरू हो गई है। किसानों की यूपी मिशन पर कहा कि जिस दिन आचार संहिता लग जाएगी, फिर सरकारों को बताया जाएगा। अभी उनके पास दो महीने का समय है। टिकैत ने बिजली के रेट पर भी प्रदेश सरकार को घेरा।

 

 

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