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पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतें लोगों की खर्च करने की ताकत छीनती जा रही है. पिछले कुछ महीनों से इसके बढ़ते दाम से कंज्यूमर खर्च को लेकर चिंता पैदा हो गई है. एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल-डीजल पर बढ़ रहे खर्च की वजह से लोग दूसरे खर्चों में कटौती करने लगे हैं. पेट्रोल-डीजल का खर्चा इतना बढ़ा है कि इससे हेल्थ पर भी खर्चे में कटौती होने लगी है. एसबीआई की इकोनॉमिक विंग ने कार्ड से किए जाने वाले खर्चों का विश्लेषण कर बताया है कि पेट्रोल-डीजल के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी की वजह से बढ़े खर्चों को एडजस्ट करने के लिए लोग हेल्थ खर्च तक घटा रहे हैं.
एसबीआई के चीफ इकोनॉमिक ए़डवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों की वजह से ग्रॉसरी और यूटिलिटी सर्विसेज पर खर्च कम होने लगा है. इन चीजों की मांग में कमी से साबित होता है कि इन खर्चों में गिरावट आई है. रिपोर्ट में कहा गया है, ” मार्च 2021 से लेकर जून 2021 तक पेट्रोल डीजल जैसा अनिवार्य खर्च 62 फीसदी से बढ़ कर 75 फीसदी हो गया है, जबकि पिछले साल (2020) में अनिवार्य खर्च 84 फीसदी था.