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मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने कल मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। उन्होंने अखिलेश सरकार से थोड़ा अलग हटते हुए महत्वपूर्ण वित्त विभाग भी साथी मंत्री राजेश अग्रवाल को सौंपा है। यानी कि वह खुद बजट नहीं पेश करेंगे। ऊर्जा, आबकारी और औद्योगिक विकास जैसे अहम विभाग से भी उन्होंने अपने को दूर किया है।
अखिलेश ने जहां अपने पास 62 विभाग रखे थे, वहीं योगी ने सिर्फ 37 विभाग अपने पास रखे हैं। दूसरी ओर गृह, गोपन, सतर्कता, राज्य संपत्ति जैसे महत्वपूर्ण विभाग मुख्यमंत्री के पास रहने की लंबे समय से चली आ रही परंपरा को आदित्यनाथ योगी ने बरकरार रखा है। उन्होंने अपने पास 37 विभाग रखे हैं जबकि अपने सहयोगियों केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा पर भी अधिक विभागों का बोझ नहीं लादा है। बंटवारे में इस बात ध्यान रखा गया है कि अधिक काम वाले विभागों के साथ कोई न कोई राज्यमंत्री जरूर हो।
इस बात की कोशिश भी की गई है कि मंत्रियों को उनकी जानकारी, अनुभव और रुचि के हिसाब से विभाग मिले। पहली बार किसी गैर मुस्लिम लक्ष्मी नारायण चौधरी को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण के बाद विभागों के बंटवारे में 50 विभाग अपने पास रखे थे। चुनावी बेला आने तक यह संख्या 62 तक पहुंच गई थी।