(Prabhat Khabar)
राजमहल कोल परियोजना इसीएल ललमटिया के दो दिवसीय दौरे पर सीएमडी सतीश झा पहुंचे हैं. सीएमडी के आने के पीछे परियोजना से जुड़े जमीन विवाद व ग्रामीणों के विरोध को लेकर बताया गया है. बुधवार को सीएमडी सतीश झा के ललमटिया पहुंचते ही परियोजना के साइट बसडीहा, तालझारी, लौहंडिया, पहाड़पुर व बीएलएस साइड खनन क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान श्री झा ने पदाधिकारियों से आवश्यक बातों पर चर्चा की. घंटों क्षेत्र में रहने के बाद श्री झा ने कोयला उत्पादन व डिस्पैच को लेकर आवश्यक निर्देश दिया. उन्होंने ग्रामीण रैयतों को भी विश्वास दिलाने को लेकर कहा कि रैयतों का विश्वास में लेना जरूरी है. पुनर्वास स्थल पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायें. परियोजना ने गत वित्तीय वर्ष में अच्छा काम कर कोल इंडिया में पहचान बनाने का काम किया है. इस दौरान श्री झा ने कहा कि उत्पादन के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी अत्यंत जरूरी है. जीरो दुर्घटना का लक्ष्य बनाकर पिछली बार काम किया गया था. उत्पादन के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी नहीं होना सराहनीय कार्य है.
खनन क्षेत्र में प्रवेश करने से पूर्व सुरनिश्चित करें सुरक्षा उपाय
श्री झा ने निर्देश दिया कि खनन क्षेत्र में प्रवेश करने से पूर्व सुरक्षा सामग्री का इस्तेमाल करना आवश्यक है. साथ ही शराब पीकर खनन क्षेत्र में कभी भी प्रवेश नहीं करें. सुरक्षा के नियम का पालन करेंगे, तो दुर्घटना की संभावना कम होगी. कोयला खनन के साथ-साथ क्षेत्र के विकास पर भी ध्यान देना जरूरी है. दौरान 10 एमटीवाइ क्षमता वाले नव निर्मिमित सीएचपी का निरीक्षण किया. संवेदक को गुणवत्ता पूर्ण कार्य करने का निर्देश दिया. हुर्रासी कोयला खनन क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान श्री झा ने बताया कि इसीएल के अधीन कार्य कर रहा है और प्राइवेट कंपनी मोंटे कार्लो कोयला खनन का कार्य करती है. राजमहल हाउस में सीएमडी को महाप्रबंधक प्रभारी एएन नायक, प्रोजेक्ट ऑफिसर सतीश मुरारी, संजय कुमार, ओपी चौधरी ने बुके देकर सम्मानित किया. बताते चलें कि गत सात दिन पूर्व परियोजना साइट के विभिन्न गांवउ में सामिल पहाड़पुर आदि के रैयतों ने ईसीएल के खिलाफ गोलबंद होकर जोरदार हंगामा किया था.