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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव प्रचार के पहले ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा की तारीफ कर स्पष्ट कर दिया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने निशाने पर सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस को रख रही है।
कहा जाता है कि सियासत में कोई किसी का स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता। 2008 में कर्नाटक में भाजपा की सरकार देवेगौड़ा पुत्र एचडी कुमारस्वामी के ‘विश्वासघात’ से उपजी सहानुभूति के कारण बनी थी। उसके बाद भी प्रत्यक्ष तौर पर भाजपा और जनता दल (एस) में कोई रिश्ता नहीं रहा है। यहां तक कि दो दिन पहले भी जेडी-एस नेता देवेगौड़ा ने एक बयान दिया है कि यदि उनके पुत्र और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी चुनाव बाद भाजपा के साथ जाते हैं, तो वह उनसे संबंध तोड़ लेंगे, लेकिन कर्नाटक की सियासत में देवेगौड़ा के इस बयान को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के बीच यह माना जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में भाजपा ही उभरेगी, और जरूरत हुई तो 2008 से पहले के दोनों दलों के गठबंधन का इतिहास एक बार फिर दोहराया जा सकता है।