(DJ)
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का विधेयक गुरुवार को लोकसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया। खास बात यह रही है कि राज्यसभा में पिछली बार इस विधेयक में संशोधन पारित कराने वाली कांग्रेस ने भी लोकसभा में उस संशोधन को खारिज कर दिया। विधेयक पर मतदान के दौरान मौजूद रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पारित होने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को बधाई दी। जाहिर है कि अब राज्यसभा में भी इसके निर्विघ्न पारित होने की संभावना है।
चुनावी माहौल में राजनीतिक रंग ले रहे ओबीसी आयोग विधेयक को पांच घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा ने पारित कर दिया। कुछ आरोप-प्रत्यारोप के साथ सभी दलों ने माना कि आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की जरूरत है ताकि पिछड़े वर्गो का विकास हो सके। इस बार भी कुछ संशोधन लाए गए थे जिसे सदन ने खारिज कर दिया। बड़ी बात यह थी कि कांग्रेस के तेवर बदले हुए थे।
पिछली बार राज्यसभा में विपक्ष ने अपने बहुमत के आधार पर एक संशोधन पारित करा लिया था जिसमें आयोग में एक अल्पसंख्यक और महिला सदस्य की मौजूदगी को जरूरी बनाया गया था। चूंकि यह धर्म के आधार पर आरक्षण जैसी बात थी लिहाजा भाजपा ने इसे असंवैधानिक करार दिया था। इसी कारण यह विधेयक दोबारा लोकसभा में लाया गया था।