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डेटा संरक्षण पर जस्टिस श्रीकृष्णा समिति की सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में गोपनीयता सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए आधार और सूचना के अधिकार अधिनियम में संशोधन करने को कहा है। साथ ही कहा है कि समिति ने 50 विधायी प्रावधानों और नियमों को चिन्हित किए हैं जिनमें समुचित परामर्श कर बदलाव किया जाए। आधार की सुरक्षा पर समिति ने यह भी कहा है कि सिर्फ यूआईडीएआई द्वारा मंजूर सार्वजनिक प्राधिकारों या निकायों को अनिवार्य तौर पर पहचान प्रमाणीकरण का अधिकार दिया जाए। जस्टिस श्रीकृष्णा समिति आरटीआई एक्ट में पारदर्शिता के मद्देनजर धारा 8(1)(आई) में मुहैया करायी गई निजता संरक्षण से छूट की शर्तों में संशोधन की जरूरत पर जोर दिया है।
उसने कहा है कि सामान्य डेटा विधान के मद्देनजर इसमें बदलाव कर स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। इससे सक्रियता आएगी और समांजस्य बनेगा। दूसरी ओर समिति ने इस पर जोर दिया है कि विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण (यूआईडीएआई) सिर्फ स्वायत्त ही नहीं, निर्णय लेने वाला निकाय होना चाहिए। सरकार में उपयोगकर्ता एजेंसियों की कार्यप्रणाली स्वतंत्र हो और प्रवर्तन कार्रवाई के लिए पारंपरिक नियामक के समान शक्तियों के साथ निहित भी हो।